Title ~ दिल का क्या करें साहेब Lyrics
Movie/Album ~ जीत Lyrics- 1996
Music ~ नदीम-श्रवण
Lyrics ~ समीर
Singer (s)~कविता कृष्णामूर्ति
कभी सोचते हैं उन्हें हम भुला दें
कभी सोचते हैं उन्हें याद कर लें
कभी हम जुदाई के सदमे उठा लें
कभी हम अकेले में फरियाद कर लें
दिल का क्या करें साहिब
हम उन्हीं पे मरते हैं
जुर्म बस इतना है
उनसे प्यार करते हैं
दिल का क्या करें…
बेक़रारी का दर्द ना जाने
ये तो पागल है बात ना माने
नैन मिलते ही चैन खो जाये
इक नज़र में ही इश्क़ हो जाये
समुन्दर से जा के करे इल्तेजा
अगर मौज हो तो उसे मोड़ दे
कभी जान के ना लगाये लगन
ये शीशा जो हो तो इसे तोड़ दे
दिल का क्या करें…
ये वफ़ा क्या है, एक धोखा है
पर दीवानों को किसने रोका है
झूठे वादे हैं, झूठी कसमें हैं
लोग कहते हैं, झूठी रस्में हैं
यहाँ बेअसर हैं सदायें सभी
यहाँ सब मोहब्बत में नाकाम हैं
यहाँ चाहतों का गुज़ारा नहीं
ये गलियाँ ये कूचे तो बदनाम हैं
दिल का क्या करें…