Title – कहाँ जाते हो रुक जाओ Lyrics
Movie/Album- दूल्हा बिकता है -1982
Music By- बप्पी लाहिड़ी
Lyrics- गौहर कानपुरी
Singer(s)- अनवर, मीना पाटकी
कहाँ जाते हो रुक जाओ
तुम्हें मेरी कसम देखो
मेरे बिन चल नहीं पाओगे
जानम दो कदम देखो
कहाँ जाते हो रुक…
कहीं भी जाओ हमसा चाहने वाला न पाओगे
हमें ठुकराओगे, पछताओगे, फिर लौट आओगे
खफ़ा हो के, करो ना अब नहीं, दिल पे सितम देखो
कहाँ जाते हो रुक…
ज़रा सी बात का तुमने बना डाला है अफ़साना
बना दोगे किसी दीवाने को तुम और दीवाना
हमें कुछ कहने का मौका तो देते, कम से कम देखो
कहाँ जाते हो रुक…
किसे मालूम था यूँ भी मोहब्बत रंग लाएगी
हँसाएगी मुझे एक दिन, मगर सौ दिन रुलाएगी
हमारी जान ले लेगा, मोहब्बत का ये ग़म देखो
कहाँ जाते हो रुक…
दुखेगा दिल तुम्हारा भी जो मेरा दिल दुखाओगे
परेशां होगे तुम उतना हमें जितना सताओगे
हमारी आँख होगी नाम, तुम्हें भी होगा ग़म देखो
कहाँ जाते हो रुक…
बिना मेरे अधूरे हो तुम, तुम्हारा प्यार भी आधा
हमारे बिन तुम्हारे प्यार का आधार भी आधा
तो आओ दिल मिला के आज, हम एक जान बन जाएँ
मेहरबानी इनायत आप ना एहसान फरमाएँ
मोहब्बत करने वाले तो नहीं करते भरम देखो
कहाँ जाते हो रुक…