Title~ कजरा रे
Movie/Album~ बंटी और बबली 2005
Music~ शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics~ गुलज़ार
Singer(s)~ जावेद अली, अलीशा चेनॉय, शंकर महादेवन
ऐसी नज़र से देखा
उस ज़ालिम ने चौक पर
हमनें कलेजा रख दिया
चाकू की नोक पर
मेरा चैन-वैन सब उजड़ा
ज़ालिम नज़र हटा ले
बर्बाद हो रहे हैं जी
तेरे अपने शहर वाले
मेरा चैन-वैन…
मेरी अंगड़ाई, ना टूटे, तू आजा
कजरा रे कजरा रे
तेरे कारे कारे नैना
हो मेरे नैना मेरे नैना
मेरे नैना जुड़वाँ नैना
हो कजरा रे…
सुरमें से लिखे तेरे वादे
आँखों की ज़बानी आते हैं
मेरे रूमालों पे लब तेरे
बाँध के निशानी जाते हैं
हो तेरी बातों में किमाम की खुशबू है
हो तेरा आना भी गर्मियों की लू है
आजा टूटे ना, टूटे ना अंगड़ाई
हो मेरी अंगड़ाई ना टूटे तू आजा
कजरा रे…
आँखें भी कमाल करती हैं
पर्सनल से सवाल करती हैं
पलकों को उठाती भी नहीं, हम्म
परदे का ख्याल करती हैं
हो मेरा ग़म तो किसी से भी छुपता नहीं
दर्द होता है दर्द जब चुभता नहीं
आजा टूटे ना, टूटे ना अंगड़ाई
हो मेरी अंगड़ाई ना टूटे तू आजा
कजरा रे…
हो तुझसे मिलना पुरानी दिल्ली में
छोड़ आये निशानी दिल्ली में
पल निमा राज़े दरी बे-तलब
तेरी-मेरी कहानी दिल्ली में
काली कमली वाले को याद कर के
तेरे काले-काले नैनों की क़सम खाते हैं
तेरे काले-काले नैनों की बलाएँ ले लूूँ
तेरे काले नैनों को दुआऐं दे दूँ
मेंरी जान उदास हैं, होठों पे प्यास हैं
आजा रे, आजा रे, आजा रे हो
तेरी बातों में…
कजरा रे…