Title – मेरे देश प्रेमियों Lyrics
Movie/Album- देश प्रेमी Lyrics-1982
Music By- लक्ष्मीकांत -प्यारेलाल
Lyrics- आनंद बक्षी
Singer(s)- मोहम्मद रफी
नफ़रत की लाठी तोड़ो, लालच का खंजर फेंको
ज़िद के पीछे मत दौड़ो, तुम प्रेम के पंछी हो
देश प्रेमियों
आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों
आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
देखो ये धरती हम सबकी माता है
सोचो आपस में क्या अपना नाता है
हम आपस में लड़ बैठे तो, देश को कौन संभालेगा
कोई बाहर वाला अपने घर से हमें निकलेगा
दीवानों होश करो
मेरे देश प्रेमियों
आपस में प्रेम करो…
मीठे पानी में ये ज़हर ना तुम घोलो
जब भी कुछ बोलो ये सोच के तुम बोलो
भर जाता है गहरा घाव, जो बनता है गोली से
पर वो घाव नहीं भरता, जो बना हो कड़वी बोली से
तो मीठे बोल कहो
मेरे देश प्रेमियों
आपस में प्रेम करो…
तोड़ो दीवारें ये चार दिशाओं की
रोको मत राहें इन मस्त हवाओं की
पूरब पच्छिम उत्तर दक्खन वालों मेरा मतलब है
इस माटी से पूछो क्या भाषा क्या इसका मज़हब है
फिर मुझसे बात करो
मेरे देश प्रेमियों
आपस में प्रेम करो..