अति का भला न बोलना, अति की भली न चुप |
अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप ||
भावार्थ:
बहुत बरसना भी ठीक नहीं होता है, और बहुत धूप होना भी लाभकर नहीं| इसी प्रकार बहुत बोलना अच्छा नहीं, बिलकुल चुप रहना भी अच्छा नहीं|
अति का भला न बोलना, अति की भली न चुप |
अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप ||
भावार्थ:
बहुत बरसना भी ठीक नहीं होता है, और बहुत धूप होना भी लाभकर नहीं| इसी प्रकार बहुत बोलना अच्छा नहीं, बिलकुल चुप रहना भी अच्छा नहीं|