कामी क्रोधी लालची, इतने भक्ति न होय |
भक्ति करे कोई सुरमा, जाति बरन कुल खोय ||
भावार्थ:
व्याख्या:
कामी, क्रोधी और लालची लोगो से भक्ति नहीं हो सकती | जाति, वर्ण और कुल का मद मिटाकर, भक्ति तो कोई शूरवीर करता है |
कामी क्रोधी लालची, इतने भक्ति न होय |
भक्ति करे कोई सुरमा, जाति बरन कुल खोय ||
भावार्थ:
व्याख्या:
कामी, क्रोधी और लालची लोगो से भक्ति नहीं हो सकती | जाति, वर्ण और कुल का मद मिटाकर, भक्ति तो कोई शूरवीर करता है |