ये तीनों उलटे बुरे, साधु, सती और सूर |
जग में हँसी होयगी, मुख पर रहै न नूर ||
व्याख्या:
साधु, सती और शूरवीर – ये तीनों लौट आये तो बुरे कहलाते हैं| जगत में इनकी हँसी होती है, और मुख पर प्रकाश तेज नहीं रहता|
ये तीनों उलटे बुरे, साधु, सती और सूर |
जग में हँसी होयगी, मुख पर रहै न नूर ||
व्याख्या:
साधु, सती और शूरवीर – ये तीनों लौट आये तो बुरे कहलाते हैं| जगत में इनकी हँसी होती है, और मुख पर प्रकाश तेज नहीं रहता|